2014-11-24

पेन पत्नी और प्रभु

गुरूजी विद्यालय से घर लौट रहे थे । रास्ते में एक नदी पड़ती थी । नदी पार करने लगे तो ना जाने क्या सूझा , एक पत्थर पर बैठ अपने झोले में से पेन और कागज निकाल अपने वेतन का  हिसाब  निकालने लगे ।

अचानक…..,
हाथ से पेन फिसला और डुबुक ….
पानी में डूब गया । गुरूजी परेशान ।

आज ही सुबह पूरे पांच रूपये खर्च कर खरीदा था । कातर दृष्टि से कभी इधर कभी उधर देखते , पानी में उतरने का प्रयास करते , फिर डर कर कदम खींच लेते ।


एकदम नया पेन था , छोड़ कर जाना भी मुनासिब न था ।

अचानक…….

पानी में एक तेज लहर उठी , और साक्षात् प्रभु वरुण देव  सामने थे । गुरूजी हक्के -बक्के ।

कुल्हाड़ी वाली कहानी याद आ गई ।

वरुण देव ने कहा , ”गुरूजी, क्यूँ इतने परेशान हैं । प्रमोशन , तबादला , वेतनवृद्धि ,क्या चाहिए ?

गुरूजी अचकचाकर बोले , ” प्रभु ! आज ही सुबह एक पेन खरीदा था । पूरे पांच रूपये का । देखो ढक्कन भी मेरे हाथ में है ।

यहाँ पत्थर पर बैठा लिख रहा था कि पानी में गिर गया प्रभु बोले , ” बस इतनी सी बात ! अभी निकाल लाता हूँ  ।” प्रभु ने डुबकी लगाई , और चाँदी का एक चमचमाता पेन लेकर बाहर आ गए । बोले – ये है आपका पेन ?

गुरूजी बोले – ना प्रभु । मुझ गरीब को कहाँ ये चांदी का पेन नसीब । ये मेरा नाहीं । प्रभु बोले – कोई नहीं , एक डुबकी और लगाता हूँ


डुबुक …..

इस बार प्रभु सोने का रत्न जडित पेन लेकर आये। बोले – “लीजिये गुरूजी , अपना पेन ।”

गुरूजी बोले – ” क्यूँ मजाक करते हो प्रभु ।

इतना कीमती पेन और वो भी मेरा । मैं टीचर हूँ सर , CRC नहीं । थके हारे प्रभु ने कहा , ” चिंता ना करो गुरुदेव ।

अबके फाइनल डुबकी होगी । डुबुक ….

बड़ी देर बाद प्रभु उपर आये । हाथ में गुरूजी का जेल पेन लेकर । बोले – ये है क्या ?

गुरूजी चिल्लाए – हाँ यही है , यही है । प्रभु ने कहा – आपकी इमानदारी ने मेरा दिल जीत लिया गुरूजी ।
आप सच्चे गुरु हैं । आप ये तीनों पेन ले लो । गुरूजी ख़ुशी – ख़ुशी घर को चले ।
.
.
कहानी अभी बाकी है दोस्तों —


गुरूजी ने घर आते ही सारी कहानी पत्नी जी को सुनाई चमचमाते हुवे कीमती पेन भी दिखाए । पत्नी को विश्वास ना हुवा , बोली तुम किसी CRC का चुरा कर लाये हो । बहुत समझाने पर भी जब पत्नी जी ना मानी तो गुरूजी उसे घटना स्थल की ओर ले चले ।

दोनों उस पत्थर पर बैठे , गुरूजी ने बताना शुरू किया कि कैसे – कैसे सब हुवा पत्नी एक एक कड़ी को किसी शातिर पुलिसिये की तरह जोड़ रही थी कि अचानक …….

डुबुक !!!

पत्नी का पैर फिसला , और वो गहरे पानी में समा गई । गुरूजी की आँखों के आगे तारे नाचने लगे । ये क्या हुवा !
जोर -जोर से रोने लगे । तभी अचानक …… पानी में ऊँची ऊँची लहरें उठने लगी ।

नदी का सीना चीरकर साक्षात वरुण देव प्रकट हुवे । बोले – क्या हुआ गुरूजी ? अब क्यूँ रो रहे हो ?


गुरूजी ने रोते हुए साड़ी story प्रभु को सुनाई । प्रभु बोले – रोओ मत। धीरज रखो । मैं अभी आपकी पत्नी को निकाल कर लाता हूँ।

प्रभु ने डुबकी लगाईं , और …..
..
थोड़ी देर में वो सनी लियोनी को लेकर प्रकट हुवे । बोले –गुरूजी । क्या यही आपकी पत्नी जी है ??

गुरूजी ने एक क्षण सोचा , और चिल्लाए – हाँ यही है , यही है ।

अब चिल्लाने की बारी प्रभु की थी । बोले – दुष्ट मास्टर । टंच माल देखा तो नीयत बदल दी । ठहर तुझे श्राप देता हूँ । गुरूजी बोले – माफ़ करें प्रभु । मेरी कोई गलती नहीं । अगर मैं इसे मना करता तो आप अगली डुबकी में प्रियंका चोपड़ा को लाते ।

मैं फिर भी मना करता तो आप मेरी पत्नी को लाते । फिर आप खुश होकर तीनों मुझे दे देते । अब आप ही बताओ भगवन ,  इस महंगाई के जमाने में मैं तीन – तीन बीबीयाँ कैसे पालता । सो सोचा , सनी से ही काम चला लूँगा । और इस ठंड में आप भी डुबकियां लगा लगा कर थक गये होंगे ।

जाइये विश्राम करिए । bye bye ......

छपाक …
एक आवाज आई । प्रभु बेहोश होकर पानी में गिर गए थे । गुरूजी सनी का हाथ थामे  सावधानीपूर्वक धीरे – धीरे नदी पार कर रहे थे ।



No comments:

Post a Comment