2015-11-18

नामदेव के चुटकुले भाग 9

दोस्त हो तो ऐसा...
घनश्याम की तबीयत बहुत ख़राब थी ।
वो आई सी यू में बिस्तर पर पड़ा मरने वाला था ।
उसने आपने प्रिय दोस्त नामदेव को अपने पास बुलाया और बोला ।
घनश्याम  :  ये ले एक लाख ( 100000 ) रूपये 
मेरे मरने के बाद मेरी कब्र पर रोज एक पैग का छिड़काव कर देना ।
नामदेव  :  अगर तू बुरा न माने तो छिड़काव से पहले उसे अपनी किडनी से फिल्टर कर दिया करूँ ।


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नामदेव और घनश्याम आपस में लड़ रहे थे ,
फिर दोनों में गाली गलोज होने लगा,
लेकिन गाली देने की इम्तहा तब हो गई,
जब नामदेव  ने कहा--------------
तेरी माँ राधे माँ

नामदेव ने कहा तेरा बापू आशाराम बापू

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घनश्याम ने नामदेव से – अगर दिन को सूर्य न निकला तो क्या होगा?
नामदेव ने जवाब दिया – “बिजली का बिल बढ जाएगा।”

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नामदेव अपने दोस्त घनश्याम से – देखो दोस्त चुंकि हम लोकतंत्र प्रणाली पर विशवास रखते हैं इसलिए हम ने आपने घर मे सुख शान्ति बनाए रखने के लिए एक सिस्टम बनाया है। मेरे पत्नी वित मंत्री है। मेरे सास रक्षा मंत्री है। मेरे ससुर विदेश मंत्री है और साली लोक सम्पर्क मंत्री है।
घनश्याम ने कहा – आप शायद प्रधानमंत्री होंगे?
नामदेव  ने जवाब दिया – मै बेचारा तो जनता हूँ।

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घनश्याम और नामदेव  दो दोस्त आपस में बाते कर रहे थे,
घनश्याम ने कहा – कमाल है शादी के 25 सालो मे तुम्हारा एक बार भी अपनी पत्नी से झगडा नही हुआ, ऐसे कैसे हो सकता है।
नामदेव  ने कहा – ऐसा ही है, दरसल शादी के दुसरे ही दिन हमने फैसला कर लिया था कि घर के सभी छोटे-छोटे फैसले वही करेगी और बडेबडे मै।
घनश्याम – अच्छा,क्या इस मे भी कभी झगडा नही हुआ ?
नामदेव  – नही, आज तक कोई बडा फैसला लेने की नौबत ही नही आई।




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घनश्याम बार मे काफी देर से बैठा पैग पर पैग पिये जा रहा था। हर पैग के बाद अपनी पर्स मे रखी पत्नी की तसवीर देखता और पीना शुरु कर देता। उस की यह हरकत साथ मे बैठा नामदेव  काफी देर से देख रहा था। जब नामदेव  से रहा नही गया तो उस ने पूछ ही लिया, तुम एक पैग लगाते हो और तस्वीर देखते हो और फिर पीना शुरु कर देते हो माजरा क्या है?+

घनश्याम – दरसल यह मेरी बीबी की तस्वीर है जब वह मुझे खुबसूरत लगने लगेगी तब मै घर जाऊगां, उस व्यक्ति ने गिलास उठाते हुए जवाब दिया।

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नामदेव  ( घनश्याम से)- हमारे शादी को ढेड साल हो गए और इन ढेड सालो मे मै अपनी पत्ने से एक शब्द भी नही बोला।
घनश्याम – अच्छा, पर वह क्यो?
नामदेव  – दरअछसल, उसे पसंद नही कि जब वह बोल रही हो तो कोई उस की बात बीच मे काटे।


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नामदेव  ने घनश्याम से- ‘कल तुझे मेरे मोहल्ले के दस लड़कों ने बहुत बुरी तरह पीटा।
घनश्याम -फिर तूने क्या किया ?’
नामदेव - ‘मैंने उन सभी से कहा कि कि अगर हिम्मत है, तो अकेले अकेले आओ’
घनश्याम - ‘फिर क्या हुआ?’
नामदेव – ‘होना क्या था, उसके बाद उन सबने एक-एक करके फिर से मुझे पीटा।’

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रेस्तरां मे काफी पीते हुए घनश्याम ने धीमे से नामदेव को कहा – देखो, उधर कोने वाली कुर्सी पर बैठा वह आदमी बडी देर से तुम्हें घूर रहा है।
नामदेव – तो घूरने दो ना।नामदेव लापरवाही से बोला।
घनश्याम – मै उसे जानता हूँ, कबाड़ी है और हमेशा बेकार की चीजों मे दिलचस्पी लेता है।


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घनश्याम ने अपने दोस्त नामदेव से पूछा – दिलजीत भाई, अपने घर के बाहर खडे क्यो हो और यह चोटे कैसे लगी ?
नामदेव – हुआ यूं कि…।
घनश्याम – कितनी बार कहा कि लोगों से झगडा मत किया करो। कमब्खत ने मार कर तेरा बुरा हाल कर दिया। बुरा हो उस का किडे पडे उसे..।
नामदेव – बस बस मै अपनी पत्नी. के बारे मे और गलत बातें नही सुन सकता।

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नामदेव ने चैलेंज किया कि वह ताजमहल को अपने सिर पर उठाकर दिल्ली जा सकता है। यह सुनकर हजारों लोग इकट्ठा हो गए।
नामदेव बोला – बस इसे उठाकर मेरे सिर पर रख दो…

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नामदेव अपने मित्र से कह रहा था वाकई मुझे पता चल गया है कि पूरे भारत में एकता और अखंडता है।”
घनश्याम ने पूछा कैसे पता चला?
नामदेव ने कहा मैं जब दिल्ली गया तब वहाँ के लोग मुझे देखकर हंसते थे, मुंबई गया तब भी, कोलकाता और चेन्नई गया तब भी।

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नामदेव – आज टीवी पर 30 फीट का सांप दिखाने वाले हैं.
घनश्याम – अच्छा ! पर मैं नहीं देख सकूंगा.
नामदेव – क्यों ?
घनश्याम – मेरा टीवी सिर्फ 21 इंच का ही है … !


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नामदेव – अगर मैं नारियल के पेड़ पर चढ़ जाऊं तो इंजीनियरिंग कॉलेज की लड़कियां दिख जाएंगी ?
घनश्याम – हां, और चढ़ कर पेड़ छोड़ देना, तो फिर मेडिकल कॉलेज की भी दिख जाएंगी ….. !

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नामदेव और घनश्याम  race देख रहे थे.
नामदेव ने कहा – इनमें से इनाम किसको मिलेगा ?
घनश्याम ने कहा – आगे वाले को.
नामदेव ने कहा – तो फिर पीछे वाले क्यों भाग रहे हैं … ?

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नामदेव  – “मेरा घर इतना बड़ा है कि लोकल ट्रेन आराम से चल सकती है !”
घनश्याम– “बस ! अरे मेरा घर तो इतना बड़ा है कि एक कोने से दूसरे कोने पर फ़ोन से बात करो तो रोमिंग लगती है… !”

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नामदेव – मैंने शादी इसलिए की क्योंकि मैं खाना पकाने, घर की सफाई, कपड़े धोकर और गंदे कपड़े पहनकर थक गया था।
घनश्याम– अरे बड़ी हैरानी की बात है, मैंने तो इन्ही सब कारणों से तलाक दिया।

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एक बूढ़ी औरत ऐ टी एम् के पास- बेटा मेरा बैलन्स चेक करना।
नामदेव ने उसे धक्का दे दिया, बूढ़ी औरत गिर गई।
घनश्याम – आपका बैलन्स खराब है।


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नामदेव रेलवे स्टेशन में 3 नम्बर प्लेटफोर्म पर खड़ा था, अचानक वह रेलवे ट्रैक पर कूद पड़ा।
घनश्याम– तुम मर जाओगे।
नामदेव – मूर्ख, मरोगे तो तुम! तुमने अभी सुना नहीं ट्रेन अभी 3 नंबर प्लेटफोर्म पर आ रही है।


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नामदेव  का 40 वा जन्म दिन था।
घनश्याम – ये केक पर बल्ब क्यों लगाया है?
नामदेव  – 40 मोम्बत्तियाँ लगाने में मुश्किल हो रही थी इसलिये 40 वाट का बल्ब लगा दिया!


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नामदेव – रणवीर कपूर और पेट्रोल में क्या समानता हैं?
घनश्याम – नहीं पता?
नामदेव – अरे! दोनों के ही रेट बिना मतलब के बढ़ रहे हैं।


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घनश्याम – जब तुम नहाते हो तो दरवाजा खुला क्यों रखते हो?
नामदेव – मैं डरता हूँ!
घनश्याम – क्यों?
नामदेव – कहीं कोई मुझे दरवाजे के की-होल से न देख ले।


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घनश्याम – तुम जिस होटेल में ठहरे, कैसा था?
नामदेव – उसकी सर्विस का तो जवाब ही नहीं था।
घनश्याम  – कैसे?
नामदेव – मैंने उनसे कहा, छह बजे जगा देना। उन्होंने मुझे पांच बजे ही जगा दिया और बोले, `सर, आप एक घंटा और सो सकते हैं`।


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घनश्याम – तुम सेलरी वाले दिन घर जाकर अपनी पत्नी को कितने पैसे देते हो?
नामदेव– कुछ नहीं।
घनश्याम  – ये कैसे हो सकता है?
नामदेव – वो मुझे ऑफिस के बाहर मिलती है, और वहीँ सारे पैसे ले लेती हैं।


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घनश्याम  – ऐसा क्यों कहा जाता है कि `बच्चे घर का चिराग होते है`?
नामदेव – क्योंकि वे कभी भी किसी लाइट को बंद नहीं करते।


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घनश्याम  और नामदेव आपस में चर्चा कर रहे थे।
घनश्याम– अगर मैं कॉफ़ी पी लूँ तो मैं सो नहीं सकता।
नामदेव – मेरे साथ बिलकुल इसका उल्टा है, अगर मैं सो जाऊं तो मैं कॉफ़ी नहीं पी सकता।


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घनश्याम – मेरे कुत्ते से मत डरो! तुमने वो कहावत नहीं सुनी है, `भौकने वाले कुत्ते कभी नहीं काटते`।
नामदेव– मैं तो जानता हूँ, तुम भी जानते हो, पर इस कहावत को यह कुत्ता नहीं जानता।


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