2016-08-21

पी. वी. सिंधु और साक्षी को समर्पित।

ओलम्पिक में पदक जीतने वाली पी. वी. सिंधु और साक्षी को समर्पित।




पूसारला वेंकट सिंधु एक भारतीय पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी है। 2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में, वह पहली भारतीय महिला ओलंपिक रजत पदक जीतने वाली खिलाड़ी बन गयी हें


सिंधु तुमने मेडल जीता
देश झूम कर नाचा है
तुमने भ्रूण हत्यारों के

2016-08-20

श्री हरि के रक्त से उत्पन्न हुई है क्षिप्रा

क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला 
श्री हरि के रक्त से उत्पन्न हुई है क्षिप्रा

उज्जैन की क्षिप्रा नदी, जहां हर १२ वर्ष बाद सिंहस्थ कुंभ का आयोजन किया जाता है। कुंभ विश्व का सबसे बड़ा मेला है। एक किंवदंती के अनुसार क्षिप्रा नदी विष्णु जी के रक्त से उत्पन्न हुई थी।

ब्रह्म पुराण में भी क्षिप्रा नदी का उल्लेख मिलता है। संस्कृत के महाकवि कालिदास ने अपने काव्य ग्रंथ 'मेघदूत' में क्षिप्रा का प्रयोग किया है, जिसमें इसे अवंति राज्य की प्रधान नदी कहा गया है।

Jokes

एक जिम्मेदार पति डॉक्टर के पास गया और कहा कि डॉक्टर साहब मेरी बीबी बहरी हो गयी है, मैं कमरे से आवाज़ लगाते रहता हूँ पर वो सुन नहीं पाती है ..!!
डॉक्टर -  आप उन्हें यहाँ ले आइये !
पति :  नहीं डॉक्टर साहब,
मै उससे बहुत प्यार करता हूं और इस बारे में उसे कुछ  भी नहीं बताना चाहता,
आप कोई दवा दे दीजिये, जिसे मैं उसे बिना कुछ कहे खिला दू...
डॉक्टर : ठीक है, पहले आप एक टेस्ट कीजिये ...
आप 40 फ़ीट दूर से पूछिये - HOW ARE YOU...
यदि वो नहीं सुन पाये तो फिर 30 फ़ीट  दूर से पूछिये...
फिर भी नहीं सुन पाये तो 20 फ़ीट .... फिर 10 फ़ीट...
तब आप आ के मुझसे मिलियेगा, उस हिसाब से मैं उनके लिए दवाईयां प्रिस्क्राइब   करूँगा..!!
पति खुश हो कर रात को घर में जाता है, बीबी किचन में खाना बना रही होती है...
पति 40 फ़ीट से पूछता है...
डार्लिंग आज खाने में क्या बना रही हो ????
बीबी जवाब नहीं देती...
30 फ़ीट से, स्वीटी आज खाने में क्या बना है ????
कोई जवाब नही मिलता....
20 फ़ीट से, जानू आज खाने में क्या बना है ????
नो रिस्पॉन्स...

हास्य कविता-अक्ल बाटने लगे विधाता

हास्य कविता  ****

अक्ल बाटने लगे विधाता,
             लंबी लगी कतारें ।
सभी आदमी खड़े हुए थे,
            कहीं नहीं थी नारें ।
सभी नारियाँ कहाँ रह गई.
          था ये अचरज भारी ।
पता चला ब्यूटी पार्लर में,
          पहुँच गई थी सारी।
मेकअप की थी गहन प्रक्रिया,
           एक एक पर भारी ।
बैठी थीं कुछ इंतजार में,
          कब आएगी बारी ।
उधर विधाता ने पुरूषों में,
         अक्ल बाँट दी सारी ।

मुस्कराहट क्या करती है

मुस्कराहट क्या करती है

अगर आप एक अध्यापक हैं और जब आप मुस्कुराते हुए कक्षा में प्रवेश करेंगे तो देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाएगी।
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अगर आप डॉक्टर हैं और मुस्कराते हुए मरीज का इलाज करेंगे तो मरीज का आत्मविश्वासदोगुना हो जायेगा।
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जब आप मुस्कुराते हुए शाम को घर में घुसेंगे तो देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।
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2016-08-18

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

भाई -बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक का उत्सव रक्षाबंधन 18 अगस्त को
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श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाये जाने वाला रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम का अनुपम उदाहरण है. इस बार यह त्योहार 18 अगस्त, दिन गुरुवार को है.

बहनों को इस पर्व का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है. जब बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है तो वे यह कामना करती हैं कि उसके भाई के जीवन में कभी कोई कष्ट न हो, वह उन्नति करें और उसका जीवन सुखमय हो. वहीं भाई भी इस रक्षा सूत्र को बंधवाकर गौरवांवित अनुभव करते हैं और जीवन भर अपनी बहन की रक्षा करने की कसम खाते है. भाई बहन मे परस्पर स्नेह व प्यार इस पर्व की गरिमा को और बढ़ा देता है.

इस बार रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त -
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🌹 प्रथम मुहूर्त 6.00 a.m. से 07.30 a.m. तक

🌹 द्वितीय मुहूर्त 10.30 a.m. से दोपहर 12.00 p.m. तक

🌹 तृतीय मुहूर्त 12.00 p.m. से 01.30 p.m. तक

🌹 चतुर्थ मुहूर्त 01.30 p.m. से 3.00 p.m. तक

🌹 पंचम मुहूर्त 4.30 p.m. से 6.00 p.m. तक

🌹 षष्टम मुहूर्त 6.00 p.m. से 7.30 p.m. तक.

            🌹  विशेष   🌹

पूजा की थाली में ये 7 चीजें अनिवार्य रूप से होनी चाहिए
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इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने से पहले एक विशेष थाली सजाती है. इस थाली में 7 खास चीजें होनी चाहिए.

1. कुमकुम
2. चावल
3. नारियल
4. रक्षा सूत्र (राखी)
5. मिठाई
7. गंगाजल से भरा कलश

पूजा की थाली में क्यो रखना चाहिए ये खास 7 चीजें -

1. कुमकुम -
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तिलक मान-सम्मान का भी प्रतीक है. बहन कुमकुम का तिलक लगाकर भाई के प्रति सम्मान प्रकट करती है तथा भाई की लंबी उम्र की कामना भी करती है. इसलिए थाली में कुमकुम विशेष रूप से रखना चाहिए.

2. चावल -
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चावल शुक्र ग्रह से भी संबंधित है. शुक्र ग्रह के प्रभाव से ही जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है. तिलक लगाने बाद तिलक के ऊपर चावल भी लगाए जाते हैं. तिलक के ऊपर चावल लगाने का भाव यह है कि भाई के जीवन पर तिलक का शुभ असर हमेशा बना रहे. तथा भाई को समस्त भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त हों.

3. नारियल -
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बहन अपने भाई को तिलक लगाने के बाद हाथ में नारियल देती है. नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है. श्री यानी देवी लक्ष्मी का फल. यह सुख - समृद्धि का प्रतीक है. बहन भाई को नारियल देकर यह कामना करती है कि भाई के जीवन में सुख और समृद्धि हमेशा बनी रहे और वह लगातार उन्नति करता रहे. यह नारियल भाई को वर्षपर्यंत अपने घर मे रखना चाहिए.

4. रक्षा सूत्र (राखी) -
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बहन राखी बांधकर अपने भाई से उम्र भर रक्षा करने का वचन लेती हैं. भाई को भी ये रक्षा सूत्र इस बात का अहसास करवाता रहता है कि उसे हमेशा बहन की रक्षा करनी है. रक्षा सूत्र का अर्थ है, वह सूत्र (धागा) जो हमारे शरीर की रक्षा करता है. रक्षा सूत्र बांधने से त्रिदोष शांत होते हैं. त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ. हमारे शरीर में कोई भी बीमारी इन दोषों से ही संबंधित होती है. रक्षा सूत्र कलाई पर बांधने से शरीर में इन तीनों का संतुलन बना रहता है. ये धागा बांधने से कलाई की नसों पर दबाव बनता है, जिससे ये तीनों दोष निंयत्रित रहते हैं. 

5. मिठाई -
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राखी बांधने के बाद बहन अपने भाई को मिठाई खिलाकर उसका मुंह मीठा करती है.  मिठाई खिलाना इस बात का प्रतीक है कि बहन और भाई के रिश्ते में कभी कड़वाहट न आए, मिठाई की तरह यह मिठास हमेशा बनी रहे.

6. दीपक -
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राखी बांधने के बाद बहन दीपक जलाकर भाई की आरती भी उतारती है. इस संबंध में मान्यता है कि आरती उतारने से सभी प्रकार की बुरी नजरों से भाई की रक्षा हो जाती है. आरती उतारकर बहन कामना करती है कि भाई हमेशा स्वस्थ और सुखी रहे.

7. गंगाजल से भरा कलश -
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राखी की थाली में गंगा!जल से भरा हुआ एक कलश भी रखा जाता है. इसी जल को कुमकुम में मिलाकर तिलक लगाया जाता है. हर शुभ काम की शुरुआत में जल से भरा कलश रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी कलश में सभी पवित्र तीर्थों और देवी-देवताओं का वास होता है. इस कलश की प्रभाव से भाई और बहन के जीवन में सुख और स्नेह सदैव बना रहता है.

रक्षाबंधन के अवसर पर वैदिक राखी बाँधें
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इस राखी को बनाने मे 5 वस्तुओं की आवश्यकता होती है ।

1. दूब (घास)
2. अक्षत (चावल)
3. केसर
4. चन्दन
5. पीली सरसों के दाने

इन पाँचों वस्तुओं को रेशम के कपडे में बाँध दें या सिलाई कर दें . फिर उसे कलावा में पिरो दें , इस प्रकार आपकी वैदिक राखी तैयार होती है .

वैदिक राखी में प्रयुक्त चीजो का महत्व -
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1. दूब
2. अक्षत
3. केसर
4.  चंदन
5. पीली सरसों के दाने

1. दूब -
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राखी मे दूब की अवधारणा यह है कि जिस प्रकार दूब का अंकुर बो देने पर तेजी से फैलता है और हजारों की संख्या में उग जाता है. उसी प्रकार भाई का वंश और उसके सद्गगुणों का विकास हो. सदाचार मन की पवित्रता तेजी से बढती जाये.

2. अक्षत -
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राखी मे अक्षत की अवधारणा यह है कि हमारी भाई के प्रति श्रद्धा कभी क्षत - विक्षत न हो. सदैव बनी रहे.

3. केसर -
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राखी मे केसर की अवधारणा यह है कि  जिस प्रकार केसर की प्रकृति तेज होती है उसी प्रकार हमारा भाई भी तेजस्वी हो. उसके जीवन में आध्यात्मिकता एवं भक्ति का तेज कभी भी कम न हो.

4.  चंदन -
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राखी मे चंदन की अवधारणा यह है कि चंदन सुगंध और शीतलता देता है उसी प्रकार भाई के जीवन में कभी मानसिक तनाव न हो. उसका जीवन सुगंध और शीतलता से ओतप्रोत हो.

5. पीली सरसों के दाने -
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राखी मे पीली सरसों के दाने की अवधारणा यह है कि जिस प्रकार सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है उसी प्रकार उसका भाई समाज के दुर्गुणों एवं बुराइयों को समाप्त करने में तीक्ष्ण बने.

वैदिक राखी बाँधने की विधि -
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पांच वस्तुओं से बनी हुई एक राखी को सर्वप्रथम अपने ईष्ट के चित्र पर अर्पित करनी चाहिए. फिर बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधे.

राखी बांधते समय यह श्लोक बोलें –

''येन बद्धो बलिःराजा दानवेन्द्रो महाबलः ।

तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चलः ||

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# अपनी बहन के व्दारा बांधे गए रक्षासूत्र के महत्व को समझिए।

# यह सिर्फ एक त्योहार नहीं है बल्कि रक्षा का संकल्प दिवस है। आप को ऐसा समाज बनाना है जहां आपकी मां, बहन, बेटी सुरक्षित रहे।

    *रक्षाबंधन की बधाई*
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2016-08-14

नालंदा विश्वविद्यालय

नालंदा विश्वविद्यालय - एक वैश्विक विरासत


प्राचीन बिहार प्रांत (जिसका नामकरण बौद्ध विहारों की बहुलता के कारण बिहार हुआ) के नालंदा जिले में स्थापित है यह प्राचीनतम विश्वविद्यालय । नालंदा’ शब्द संस्कृत के तीन शब्दों के संधि से बना है : ना+आलम+दा , इसका मौलिक अर्थ है ‘ज्ञान रूपी उपहार पर कोई प्रतिबन्ध न रखना। ‘वास्तविकता में यह वही ‘ज्ञान रूपी उपहार’ है, जिसका अभ्यास भारतीय विद्वान नालंदा में करीब 2000 वर्ष पूर्व किया करते थे।

नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना करीब 2500 साल पहले बौद्ध धर्मावलम्बियों ने की थी। यह विश्वविद्यालय न केवल कला, बल्कि शिक्षा के तमाम पहलुओं का अभिनव केन्द्र था। सामान्यतया नालंदा विश्वविद्यालय का काल 6ठी से 13वीं शताब्दी तक का यानि 700 साल का माना जाता है।

2016-08-13

शिवलिंग

शिवलिंग से ज्यादा महत्वपूर्ण प्रतिमा पृथ्वी पर कभी नहीं खोजी गई। उसमें आपकी आत्मा का पूरा आकार छिपा है। और आपकी आत्मा की ऊर्जा एक वर्तुल में घूम सकती है, यह भी छिपा है। और जिस दिन आपकी ऊर्जा आपके ही भीतर घूमती है और आप में ही लीन हो जाती है, उस दिन शक्ति भी नहीं खोती और आनंद भी उपलब्ध होता है। और फिर जितनी ज्यादा शक्ति संगृहीत होती जाती है, उतना ही आनंद बढ़ता जाता है।

हमने शंकर की प्रतिमा को, शिव की प्रतिमा को अर्धनारीश्वर बनाया है। शंकर की आधी प्रतिमा पुरुष की और आधी स्त्री की- यह अनूठी घटना है। जो लोग भी जीवन के परम रहस्य में जाना चाहते हैं, उन्हें शिव के व्यक्तित्वको ठीक से समझना ही पड़ेगा।और देवताओं को हमने देवता कहा है, शिव को महादेव कहा है। उनसे ऊंचाई पर हमने किसी को रखा नहीं। उसके कुछ कारण हैं।

मद्य-शास्त्र. हास्य व्यग्य

"मद्य-शास्त्र"

मदिरापान को हमेशा एक अनुष्ठान या यज्ञ की  भावना में ही लेना चाहिए।
जैसे गृहस्थ पुरुष यज्ञ रोज ना कर के, केवल कभी कभी ही करते है, वैसे ही मदिरापान भी केवल कुछ शुभ अवसरों पर ही करना उचित है।

मदिरापान केवल प्रसन्नता की स्थिति में ही करने का विधान है।

अवसाद की स्थिति में ऐसा यज्ञ करना सर्वथा वर्जित है, और जो इस नियम का उलंघन करता है,पाप का भागी होकर कष्ट  भोगता है।
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यज्ञ  के लिए सवर्प्रथम शुभ दिन का चयन करे। 

2016-08-12

पेट और वजन कम करने के सर्वोत्तम उपाय

पेट और वजन कम करने के सबसे सर्वोत्तम  उपाय

पेट और वजन या यूँ कहे के मोटापा घटाने के लिए खान-पान में सुधार जरूरी है। कुछ प्राकृतिक चीजें ऐसी हैं, जिनके सेवन से वजन नियंत्रित रहता है। इसलिए यदि आप वजन कम करने के लिए बहुत मेहनत नहीं कर पाते हैं तो अपनाएं यहां बताए गए छोटे-छोटे उपाय। ये आपके बढ़ते वजन को कम कर देंगे।

1) सब्जियों और फलों में कैलोरी कम होती है, इसलिए इनका सेवन अधिक मात्रा में करें। केला और चीकू न खाएं। इनसे मोटापा बढ़ता है। पुदीने की चाय बनाकर पीने से मोटापा कम होता है।


काँच और हीरे की पहचान

एक राजा का दरबार लगा हुआ था,
क्योंकि सर्दी का दिन था इसलिये
राजा का दरवार खुले मे लगा हुआ था.
पूरी आम सभा सुबह की धूप मे बैठी थी ..
महाराज के सिंहासन के सामने...
एक शाही मेज थी...
और उस पर कुछ कीमती चीजें रखी थीं.
पंडित लोग, मंत्री और दीवान आदि
सभी दरबार मे बैठे थे
और राजा के परिवार के सदस्य भी बैठे थे.. ..
उसी समय एक व्यक्ति आया और प्रवेश माँगा..
प्रवेश मिल गया तो उसने कहा
“मेरे पास दो वस्तुएं हैं,

2016-08-07

शहीद जवान के बच्चे की कविता

शहीद जवान के बच्चे की कविता दिल छू गई

ओढ़ के तिरंगा क्यों पापा आये है?
माँ मेरा मन बात ये समझ ना पाये है,
ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है।
पहले पापा मुन्ना मुन्ना कहते आते थे,
टॉफियाँ खिलोने साथ में भी लाते थे।
गोदी में उठा के खूब खिलखिलाते थे,
हाथ फेर सर पे प्यार भी जताते थे।
पर ना जाने आज क्यूँ वो चुप हो गए,
लगता है की खूब गहरी नींद सो गए।
नींद से पापा उठो मुन्ना बुलाये है,
ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है।
फौजी अंकलों की भीड़ घर क्यूँ आई है,
पापा का सामान साथ में क्यूँ लाई है।
साथ में क्यूँ लाई है वो मेडलों के हार ,

माँ केवल माँ है

एक जज अपनी पत्नी को क्यों दे रहे हैं तलाक। रोंगटे खड़े कर देने वाली स्टोरी को जरूर पढ़े और लोगों को शेयर करें।

कल रात एक ऐसा वाकया हुआ जिसने मेरी ज़िन्दगी के कई पहलुओं को छू लिया.
करीब 7 बजे होंगे,
शाम को मोबाइल बजा ।
उठाया तो उधर से रोने की आवाज़....
मैंने शांत कराया और पूछा कि भाभीजी आखिर हुआ क्या?
उधर से आवाज़ आई..
आप कहाँ हैं और कितनी देर में आ सकते हैं ?
मैंने कहा:-"आप परेशानी बताइये..!"
और "भाई साहब कहाँ हैं...?माताजी किधर हैं..?" "आखिर हुआ क्या...?"
लेकिन
उधर से केवल एक रट कि आप आ जाइए, मैंने आश्वाशन दिया कि कम से कम एक घंटा लगेगा.जैसे तैसे पूरी घबड़ाहट में पहुँचा.
देखा तो भाई साहब (हमारे मित्र जो जज हैं) सामने बैठे हुए हैं.
भाभीजी रोना चीखना कर रही हैं,13 साल का बेटा भी परेशान है. 9 साल की बेटी भी कुछ नहीं कह पा रही है.

तीसरी बकरी - एक कहानी

तीसरी बकरी

रोहित और मोहित बड़े शरारती बच्चे थे, दोनों 5th स्टैण्डर्ड के स्टूडेंट थे और एक साथ ही स्कूल आया-जाया करते थे।

एक दिन जब स्कूल की छुट्टी हो गयी तब मोहित ने रोहित से कहा, “ दोस्त, मेरे दिमाग में एक आईडिया है?”


“बताओ-बताओ…क्या आईडिया है?”, रोहित ने एक्साईटेड होते हुए पूछा।


मोहित- “वो देखो, सामने तीन बकरियां चर रही हैं।”

रोहित- “ तो! इनसे हमे क्या लेना-देना है?”


मोहित-” हम आज सबसे अंत में स्कूल से निकलेंगे और जाने से पहले इन बकरियों को पकड़ कर स्कूल में छोड़ देंगे, कल जब स्कूल खुलेगा तब सभी इन्हें खोजने में अपना समय बर्वाद करेगे और हमें पढाई नहीं करनी पड़ेगी…”

रोहित- “पर इतनी बड़ी बकरियां खोजना कोई कठिन काम थोड़े ही है, कुछ ही समय में ये मिल जायेंगी और फिर सबकुछ नार्मल हो जाएगा….”

2016-08-01

बाल गंगाधर तिलक जी की पुण्यतिथि पर शत शत नमन

आज 1 अगस्त भारत की स्वतंत्रता की नींव रखने वाले, प्रसिद्ध स्वतंत्रता सैनानी बाल गंगाधर तिलक जी की पुण्यतिथि पर शत शत नमन

(जन्म-23 जुलाई, 1856 रत्नागिरी, महाराष्ट्र, 
मृत्यु- 1 अगस्त, 1920 मुंबई)

बाल गंगाधर तिलक जी विद्वान, गणितज्ञ, दार्शनिक और उग्र राष्ट्रवादी व्यक्ति थे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की नींव रखने में सहायता की। उन्होंने 'इंडियन होमरूल लीग' की स्थापना सन् 1914 ई. में की और इसके अध्यक्ष रहे तथा सन् 1916 में मुहम्मद अली जिन्ना के साथ लखनऊ समझौता किया, जिसमें आज़ादी के लिए संघर्ष में हिन्दू- मुस्लिम एकता का प्रावधान था।

बाल गंगाधर तिलक जी ने कहा था...

भारतीय भोजन थालियां

भारतीय भोजन थालीया
 हर क्षेत्र का खना दुसरे क्षेत्र से बहुत अलग हौता है, यह भरतीय भोजन को अपनी एक निराला व अनोखा रुप देती है। पूरन पूरी हो या दाल बाटी, तंदूरी रोटी हो या शाही पुलाव, पंजाबी खाना हो या मारवाड़ी खाना, भारतीय भोजन की अपनी एक विशिष्टता है और इसी कारण से आज संसार के सभी बड़े देशों में भारतीय भोजनालय पाये जाते हैं जो कि अत्यंत लोकप्रिय हैं। विदेशों में प्रायः सप्ताहांत अथवा अवकाशों पर भोजन के लिये लोग भारतीय भोजनालयों में ही जाना अधिक पसंद करते हैं


भारतीय भोजन मै बहुत सारे सामग्रीयो का उपयोग होता है, जैसे की दालचीनी, काली मिर्च, लौंग, इलायची का प्रयोग होता है। अदरक लहसुन और प्याज का भी प्रयोग होता है, लेकिन जैन धर्म व कुछ ब्राह्मण जड़(रूट) सब्जियों को नही खाते। मौसमी सामग्री  का भी प्रयोग होता है। अलग -अलग प्रकार के दाल का भी उपयोग होता है जैसे मसूर, तूर, उड़द मूंग दाल जैसे भिन्न-भिन्न दालो का इस्तमल होता है।


साँप के काटने का इलाज

साँप के काटने का इलाज जरूर पढ़ें, पता नहीं कब यह आपके या किसी के काम आ सकता है ।

दोस्तो सबसे पहले साँपो के बारे मे एक महत्वपूर्ण बात आप ये जान लीजिये ! कि अपने देश भारत मे 550 किस्म के साँप है ! जैसे एक cobra है ,viper है ,Krait है ! ऐसी 550 किस्म की साँपो की जातियाँ हैं ! इनमे से मुश्किल से 10 साँप है जो जहरीले है सिर्फ 10 ! बाकी सब non poisonous है! इसका मतलब ये हुआ 540 साँप ऐसे है जिनके काटने से आपको कुछ नहीं होगा !! बिलकुल चिंता मत करिए !

Russell Viper
लेकिन साँप के काटने का डर इतना है (हाय साँप ने काट लिया ) और कि कई बार आदमी heart attack से मर जाता है ! जहर से नहीं मरता cardiac arrest से मर जाता है ! तो डर इतना है मन मे ! तो ये डर निकलना चाहिए !

जिंदगी आईसक्रीम की तरह है


एक  नगर  में  एक  मशहूर  चित्रकार  रहता था ।  चित्रकार  ने  एक  बहुत  सुन्दर तस्वीर  बनाई और उसे  नगर  के  चौराहे  मे  लगा  दिया  और   नीचे  लिख  दिया  कि  जिस किसी  को , जहाँ  भी   इस में  कमी  नजर  आये  वह  वहाँ  निशान  लगा  दे । जब  उसने  शाम  को  तस्वीर देखी   उसकी  पूरी  तस्वीर  पर  निशानों  से  ख़राब  हो  चुकी थी । यह  देख  वह  बहुत  दुखी  हुआ । उसे कुछ  समझ  नहीं  आ  रहा  था  कि  अब  क्या  करे  वह  दुःखी  बैठा  हुआ  था  ।  तभी  उसका एक मित्र  वहाँ  से  गुजरा  उसने  उस  के  दुःखी होने  का  कारण  पूछा  तो  उसने  उसे  पूरी  घटना बताई ।